पोषण वाटिका से सुधरी बच्चों की सेहत
महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने में स्वस्थ और पोषक आहार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सूरजपूर जिले में बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई गई है, ताकि यहां आने वाले बच्चों, महिलाओं को भोजन के साथ पोषक तत्वों से भरपूर हरी सब्जिया मिल सके। आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी उगाकर उन्हें भोजन के साथ परोसा जा रहा है। पोषक तत्वों से भरपूर आहार मिलने से आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों के सेहत में भी बदलाव नजर आने लगा है।
जिला प्रशासन के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के आंगनबाड़ी केंद्र खड़गवांकलां बिचपारा, विकासखण्ड प्रतापपुर में आकर्षक पोषण वाटिका निर्मित की गई है जहां उत्पादित हरी सब्जियों को बच्चों के भोजन में शामिल कर उनके पोषण में वृद्धि की जा रही है। केंद्र की सहायिका नीलम जायसवाल बताती हैं कि महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक नीलमणि लकड़ा के द्वारा बीज वितरण किया गया था जिसे पोषण वाटिका में रोपण कर पर्याप्त देखरेख किया गया। वर्तमान में बरबट्टी और भिंडी की सब्जियां प्राप्त हो रही हैं जिन्हें बच्चों के खाने में सम्मिलित कर उन्हें सुपोषित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी तरह कुपोषण से होने वाले नुकसान और सुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भेंटकर लोगों को अपने घरों में बाड़ियां तैयार करने और उनमें पौष्टिक साग-सब्जी लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे बच्चों को बेहतर आहार उपलब्ध हो और वे कुपोषण के शिकार न हो। इस पहल से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक बदलाव हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है।