कांग्रेस की चौतफरा जीत की खबरों के बीच वरिष्ठ नेता के घर मे कांग्रेस की हार
एकला चलो की नीति से कार्यकर्ताओ में उपजे असंतोष के बीच उपचुनाव में कांग्रेस की बुरी हार।पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम तक पहुची हार की वजह।

राज्य के 15 निकायों में हुए चुनाव की मतगणना के दौर के बीच चहुँओर से कांग्रेस के जीत की खबरें आ रही है।भाजपा के शीर्ष नेता रमन सिंह,अजय चंद्राकर,केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह अपना घर नही बचा पाए हैं।भाजपा के बड़े नेताओं के गढ़ में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर यह संदेश देने में सफलता हासिल कर ली है कि राज्य के नगरीय क्षेत्रों में भी जनता के बीच उसकी मजबूत पकड़ है।
लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर निकल कर आई है अभनपुर के गोबरा नवापारा के 14 नम्बर वार्ड से।
जहां हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज कर ली है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व क्षेत्रीय विधायक धनेंद्र साहू ने एक वार्ड में हो रहे उपचुनाव को प्रतिष्ठा मानकर घर घर जाकर मतदाताओं से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील की थी।
कद्दावर विधायक द्वारा घर घर जाकर वोट की अपील से यह पूरी लड़ाई कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच हो गई थी
ज्ञात हो कि वार्ड क्रमांक 14 से पूर्व में श्रीमती साधना बाफना 7 प्रत्याशियों के बीच 140 मतों से जीत हासिल कर कांग्रेस के पार्षद चुनी गई थी जिनका आकस्मिक निधन होने के कारण उपचुनाव हुआ और आज नगर पालिका के 2 वर्ष के कार्यकाल के अंदर ही साम-दाम की पूरी ताकत झोकते हुए निर्दलीय प्रत्याशी को समाज के द्वारा दबाव बनाकर समर्थन में बिठाने के पश्चात मात्र 3 प्रत्याशी होने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी के 237 मतों के विरुद्ध 501 मत प्राप्त कर 264 मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती मधु बाफना ने अपने नाम जीत दर्ज कर दी।कांग्रेस के लिए यह हार चिंतन का विषय है| भाजपा प्रत्याशी जितने मतों से विजयी हुई ह, कांग्रेस प्रत्याशी को कुल उतने मत भी हासिल नही हो पाए ।
हालांकि यह नगरपालिका के मात्र एक वार्ड का ही चुनाव था लेकिन जिस तरीके से यहां लड़ाई लड़ी गई पूरा चुनाव धनेंद्र विरुद्ध भाजपा होकर रह गया था। राजनीतिक विश्लेषक उपचुनाव के इस नतीजे को अभनपुर विधानसभा के भावी परिणाम से जोड़कर देख रहे हैं। भाजपा के एक स्थानीय नेता ने यहां तक दावा कर दिया कि आने वाले चुनाव में अभनपुर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को जीतने से कोई नहीं रोक सकता। कांग्रेस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता से बातचीत में हार की समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आई कि अभनपुर विधानसभा के सैकड़ो जमीनी कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता घोर उपेक्षा की चलते 3 साल से अपने घरों में बैठे हैं।नगरपालिका के कामकाज से भी लोगों में नाराजगी है।स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर विधायक एकला चलो की नीति पर काम कर रहे हैं।यह एक वार्ड का परिणाम नही है। आप इसे अगले विधानसभा के परिदृश्य में देखिए।आगे का रास्ता और कठिन है।।